''किसी कमरे में जहांँ सभी लोग सर्वसम्मति से चुप रहने का षड्यंत्र किये बैठे हों ,सत्य एक पिस्तौल दगने जैसी आवाज़ करता है ''
-- पोलिश कवि चेस्वाव मिवोश
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