Saturday, June 15, 2024

बंद दरवाज़ों के तजुर्बे


 बंद दरवाज़ों के तजुर्बे

ताज़िन्दगी नये-नये इलाकों में

भटकते हुए मैंने

ऐसे कई रहस्यमय पुराने दरवाज़े देखे

जर्जर, झाड़-झंखाड़ से ढँके हुए

जो अन्दर से बन्द थे। 

किसी एक दस्तक के इन्तज़ार में भी

कई बार बीत जाती है एक पूरी ज़िन्दगी। 

और जो अपने घरों पर ताला लगाकर

दूर देस चले गये

उनकी अपनी अलग ही कहानी है। 

किसी अनजान बंद दरवाज़े पर

देर रात दस्तक देने से पहले

अक्सर वे ठिठक जाते हैं

और किसी हलवाई की बंद गुमटी के बाहर

पड़ी बेंच पर सो जाते हैं। 

ऐसे लोगों को अक्सर मैंने सितारों से

अपने सफ़र के बारे में बातें करते

और बीते दिनों के दुखों के बारे में

कुछ न कहते पाया है। 

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(15 Jun 2024)

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