Monday, June 10, 2024

उदास रातों का क़सीदा

उदास रातों का क़सीदा

मेज़पोश पर शराब और आँसू के धब्बे 

अभी भी मौजूद थे।

इसपर साथ बैठकर चाँद के साथ 

चाय पी जानी थी 

लेकिन रात को अकेले शराब पी गयी।

चाँद तब लुकाछिपी खेल रहा था 

कभी देवदारु, कभी बांज और कभी सरू के 

झुरमुटों में छुपता हुआ।

उधर मौत ने बुलावा भेजा

तो बारिश का मौसम आ चुका था।

फिर उस लड़की ने अपना सबसे सुन्दर बेलबूटेदार घाघरा पहना 

और गमबूट चढ़ाये

और चटख रंगों वाला छींटदार छाता ताने

उस नदी घाटी की ओर निकल गयी 

जहाँ लगभग हर बरसात में 

बादल फटा करता था।

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(10 Jun 2024)



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