Monday, April 22, 2024

 

विश्व सर्वहारा के शिक्षक और सिद्धान्तकार तथा सोवियत क्रांति के महान नेता लेनिन की पुस्तक "कार्ल मार्क्स और उनकी शिक्षा" से एक महत्वपूर्ण उद्धरण

"लोग राजनीति में सदा छल और आत्म-प्रवंचना के नादान शिकार हुए हैं और तब तक होते रहेंगे, जब तक वे तमाम नैतिक, धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक कथनों, घोषणाओं और वायदों के पीछे किसी न किसी वर्ग के हितों का पता लगाना नहीं सीखेंगे। सुधारों और बेहतरी के समर्थक जब तक यह नहीं समझ लेंगे कि हर पुरानी संस्था, वह कितनी ही बर्बरतापूर्ण और सड़ी हुई क्यों न प्रतीत होती हो, किन्हीं शासक वर्गों के बल-बूते पर ही कायम रहती है, तब तक पुरानी व्यवस्था के संरक्षक उन्हें बेवकूफ बनाते रहेंगे।"

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