Thursday, November 23, 2023

इतिहास का दण्ड

इतिहास का दण्ड 

जिन कलावंतों ने अपने दौर की बुराइयों को 

दफ़न कर दिया चुप्पी की ज़मीन के नीचे 

उनकी आने वाली पीढ़ियों ने 

बेहद क्रूर और बर्बर बुराइयों की फ़सल काटी।

जिन्होंने किये क़ातिलों के साथ समझौते 

और इनाम-इकराम पाने के लिए 

उनके दरबार में गये,

जो उनके साहित्यिक जलसों में जाकर 

मंचों पर बिराजते रहे,

अपने वारिसान के लिए छोड़ गये वे

शर्मिन्दगी की राख और धूल।

जिनके सामने एक वहशी भीड़ 

किसी असहाय के पीछे भाग रही थी 

उसके ख़ून की प्यासी

और वे अपना प्रेमपत्र बचाकर संदूकची में 

रखने के बाद अस्मितावादी राजनीति पर

समाजशास्त्रीय विमर्श कर रहे थे

और फ़ासिस्ट नृशंसताओं का औचित्य 

सिद्ध कर रहे थे,

एक समय आया कि उनकी लाशें 

ताबूतों में पड़ी सड़ गयीं अनदेखी

और उनके बच्चे अपनी वल्दियत 

छुपाने के लिए 

दूसरे मुल्कों में जाकर 

गुमनामी की ज़िन्दगी जीने लगे।

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(23 Nov 2023)

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