त्रासदी और प्रहसन
मैंने किसी को ज़िन्दगी का एक किस्सा
सुनाया उदासी भरा।
किस्सा उसे बहुत दिलचस्प लगा।
फिर उसने कुछ लोगों को सुनाया
जिन्हें वह बेहद मनोरंजक लगी।
थोड़ा और सफ़र तय करके
वह एक हास्य कथा बन गयी।
इसतरह आजकल के ज़माने में
एक हृदय से निकली उदासी
दूसरों तक पहुँच कर हँसी की चीज़
बन जाती है वैसे ही जैसे
कई बार किसी की हँसी
दूसरों के लिए उदासी का
सबब बन जाती है।
जिस हद तक कठिन होता जाता है
उदासी बाँट पाना,
ख़ुशियों की साझेदारी भी उतनी ही
मुश्किल हो जाती है।
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(20 Nov 2023)

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