Sunday, October 29, 2023

प्यार, उदासी, सपनों वगैरह की भी कुछ बातें...

प्यार, उदासी, सपनों वगैरह की भी कुछ बातें... 

छ: छोटी कविताएँ

(1) 

मैंने कहा, "कोई बात नहीं!"

लेकिन बात तो थी,

वहाँ गहराई में धँसी हुई,

जहाँ से ख़ून बेआवाज़ रिसता रहा

और रिसता रहेगा

ताज़िन्दगी।

*

(2) 

ग़लत तरीके से जुड़ गयी थी

टूटी हुई हड्डी।

डाक्टर कहता है कि इसे

सही तरीके से जोड़ने के लिए

फिर से तोड़ना होगा।

यहाँ मैं हड्डी की बात कर रही हूँ

दिल की नहीं।

*

(3) 

संदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे तुम!

ठीक है, तब कम से कम

यही संदेश दे दिया होता।

ठीक इसीतरह पिछले साल रेलवे स्टेशन पर

मिले एक बुज़ुर्ग से दिखने वाले सज्जन।

पहचाना नहीं मैंने तो उन्होंने अपना

परिचय दिया और चाय पिलाते हुए

करुण मुस्कान के साथ धीरे से बताया कि

बरसों पहले वह मुझे कितना चाहते थे।

मैंने सच्चे दिल से कहा कि कम से कम

बताना तो चाहिए था भाई!

नतीजे की परवाह किये बिना

एक बार बताना तो चाहिए था!

सच्चे प्यार का इज़हार भी

एक बेशक़ीमती अनुभव होता है।

न कहने से भी भला कुछ होता है!

*

(4) 

अगर हृदय में प्यार और कविता की चाहत है

तो उदासी के बहुत सारे आख्यान

और गीत भी होंगे ही।

अगर आपके पास पहले से ही

उदासी के बहुत सारे गीत हैं तो मैं अपने गीत

क्यों सुनाऊँ!

बेहतर होगा कि लोगों की फौरी चिन्ताओं

और दूरस्थ ख़ुशियों की कुछ बातें की जायें

फुरसत के दिनों में

और अयथार्थवादी होने का गौरवशाली तमगा

उन व्यावहारिक लोगों से

हासिल कर लिया जाये जो

यथार्थवाद को ओवरकोट की तरह पहनकर

ज़िन्दगी और साहित्य में

चहलकदमी करते रहते हैं।

*

(5) 

सपनों में जारी आख्यान

कहानियों की तरह

समापन तक नहीं पहुँचते।

उनमें घटनाओं का व्यवस्थित

क्रम नहीं होता और न ही 

कोई प्रत्यक्ष तर्क। 

वे अस्तव्यस्त दृश्यों के कोलाज होते हैं।

सपने में भयग्रस्त चिहुँकता है बच्चा

और फिर मुस्कुराने लगता है।

सपने में इनदिनों कोई खोया हुआ प्यार

वापस लौटकर आता है

और कोई भुला दिया गया फ़ैसला

आवाज़ देता है जो जागने पर

लाख कोशिशों के बावजूद याद नहीं आता।

अब कोई चारा नहीं सिवा इसके कि

मैं जागते हुए अपने सपनों में

प्रवेश कर जाऊँ।

*

(6) 

प्रेम में तमाम छोटी-छोटी शिक़ायतें

बहुत परेशान करती हैं।

जब नहीं होती हैं शिक़ायतें

तो प्रेम भी बीत चुका होता है।

तज़ुर्बेकार लोगों को भी इसका पता

देर से ही लग पाता है।

*

(29 Oct 2023)

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