उज्ज्वल, चमत्कारी अतिनाटकीयताओं
के इस युग में
महाजनों के रास्ते पर आगे बढ़ते
कविता के प्रदेश के नागरिकों के लिए
सबसे कठिन काम है, लगभग असंभव सा,
दिल में छुपी सच्चाइयों को
सरेआम कह देना
और बेहद सादगी के साथ
कविता में सच को बयान कर देना।
सच कहना, दादा ब्रेष्ट के अनुसार,
हर हाल में एक क्रान्तिकारी बात है
और इसलिए यह सबसे सुन्दर बात भी है,
ऐसा मुझे लगता है।
बेशक़ यह काफ़ी कठिन लगता है
लेकिन किसीतरह अगर हम
एकदम सहज होकर सोच पायें
तो सच कहना
एकदम सहज लगने लगता है
और सच्चाई की सादगी को
कविता की ताक़त बनाना भी।
सबसे ख़तरनाक और घृणित होते हैं वे कवि
जो हत्याओं के मौसम में भी
कविता में सच कहने से बचते हैं
और अलौकिक सौन्दर्य का
जादुई संसार रचते हैं।
के इस युग में
महाजनों के रास्ते पर आगे बढ़ते
कविता के प्रदेश के नागरिकों के लिए
सबसे कठिन काम है, लगभग असंभव सा,
दिल में छुपी सच्चाइयों को
सरेआम कह देना
और बेहद सादगी के साथ
कविता में सच को बयान कर देना।
सच कहना, दादा ब्रेष्ट के अनुसार,
हर हाल में एक क्रान्तिकारी बात है
और इसलिए यह सबसे सुन्दर बात भी है,
ऐसा मुझे लगता है।
बेशक़ यह काफ़ी कठिन लगता है
लेकिन किसीतरह अगर हम
एकदम सहज होकर सोच पायें
तो सच कहना
एकदम सहज लगने लगता है
और सच्चाई की सादगी को
कविता की ताक़त बनाना भी।
सबसे ख़तरनाक और घृणित होते हैं वे कवि
जो हत्याओं के मौसम में भी
कविता में सच कहने से बचते हैं
और अलौकिक सौन्दर्य का
जादुई संसार रचते हैं।
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(14 Aug 2023)

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