Saturday, March 18, 2023

रोशनाबाद कविता श्रृंखला

घर निकाला

छबीले ने कल रात को

श्यामसुंदर को घर से निकाल दिया।

श्यामसुंदर छबीले का इकलौता बेटा है।

छबीले बिजली का सामान बनाने वाली फैक्ट्री में

काम करते हैं दस बरस से, अभी भी टेम्पररी हैं।

श्यामसुंदर दवा बनाने वाली कंपनी में

काम करता है, आईटीआई पास है

लेकिन तीन बरस से टेम्पररी है।

छबीले पहले खटीमा में मज़दूरी करते थे

और हड़ताल में निकाल दिये गये थे।

दलित हैं और जौनपुर के अपने गाँव में एक जालिम

ठाकुर भूस्वामी के खलिहान में आग लगाकर

और उसको पीटकर पंद्रह बरस पहले भाग आये थे।

बाद में उनका साला बीवी-बच्चे को भी पहुँचा गया।

कोरोना की पहली लहर ने घरवाली को लील लिया

और बस बाप-बेटा बच गये।

छबीले को यूनियनों की जुझारू लड़ाइयों का तजुर्बा है

लेकिन अब थोड़ा निराश रहते हैं,

दलालों की हरदम माँ-बहन करते रहते हैं।

जब कुछ नौजवान मज़दूर कहते हैं कि ऐसे

कैसे चलेगा और कुछ तो करना ही होगा,

संगठन तो बनाना ही होगा फिर से,

तो छबीले कहते हैं, अब तुमलोग ही ट्राई मारो,

हमने तो बहुत कुछ करके देख लिया।

कहते हैं कि हमको साथ ही मानो,

लेकिन अब आगे हम नहीं रहेंगे,

कुछ खड़ा कर लोगे तो पीछे-पीछे हमहूँ लग जायेंगे।

श्यामसुंदर अपनी किस्मत और ज़माने से

हरदम फिरंट रहता है और कुछ भी करके

ज़्यादा पैसा कमा लेने की जुगत भिड़ाता रहता है।

कल रात को खाना खाते समय छबीले से बोला

कि वह अब लेबर कांट्रेक्टर का काम करेगा

और कई कारखानों के सुपरवाइजरों और कुछ

कांट्रेक्टरों से उसने बात भी कर ली है।

बाप की चढ़ी त्यौरियांँ देखकर बोला,

अब हमसे ई मजूरी खटना और घुट-घुटकर

मरने जैसा जीना ना हो पायेगा।

कांट्रेक्टरी ही तो कर रहे हैं, चोरी-डकैती थोड़े न कर रहे हैं।

छबीले ने कहा कि यह तो दलाली है,

चोरी-डकैती तो इससे बहुते बढ़िया काम है।

श्यामसुंदर ने कहा कि जैसी दुनिया है वैसे ही जीने में खैर है

तुम अपनी भलमनसी लेकर ऐसे ही दलिद्दर मरोगे।

यह दुनिया तो ऐसी ही चलती रहेगी।

फिर बात-बात में बात कुछ ज़्यादा बढ़ गई।

छबीले ने अपनी थाली घुमाकर बाहर फेंक दी

और श्यामसुंदर की भी।

फिर धक्का देकर श्यामसुंदर को कोठरी से

बाहर धकेलते हुए गरजकर बोले,

रे ससुरा बनराकस, अगर समाज से रंडीबाजी

नहीं खतम होगी तो तूँ अमीर बनने वास्ते

कोठे का दल्ला बन जायेगा?

भाग जा, आज से मैं खुद को निरबंसिया मान लूँगा।

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#कविता_रोशनाबाद

(18 march 2023)


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