Friday, March 17, 2023

शीर्षकहीन


जर्मनी में जब हिटलर की गुण्डा वाहिनियाँ

सड़कों पर हुड़दंग मचा रही थीं

उससमय ईसाई मूल की एक स्त्री कवि

एक यहूदी शिक्षक के साथ

आकण्ठ प्रेम में डूबी हुई थी

और रोज़ाना प्रेम कविताएंँ लिख रही थी

और प्रेम पर विमर्श करते हुए कह रही थी कि

प्रेम की आज़ादी ही उसका एकमात्र सरोकार है, 

यही उसकी राजनीति है

और प्रेम करते हुए वह नफ़रत की राजनीति का

प्रतिकार कर रही है 

और यह कि प्रेम ही बचायेगा 

दुनिया को नफ़रत से! 

ऐसा ही उसने कहा जब फ़ासिज्म के विरुद्ध एकजुट हो रहे लेखकों ने

उसे भी साथ आने को कहा! 

एक दिन उसके यहूदी प्रेमी को

घर से टाँग ले गये नात्सी गुण्डे

और अगले दिन क्षत-विक्षत उसकी लाश

शहर के एक नाले में मिली I

फिर उस स्त्री कवि को एक विधर्मी से

प्यार करने के ज़ुर्म में

पहले सड़कों पर जूतों की माला पहनाकर

डंडे बरसाते हुए जुलूस निकाला गया

और उसके बाद अपने अनैतिक आचरण से

और अपनी प्रेम कविताओं से

जर्मन आर्य गौरव को कलंकित करने के आरोप में

जेल में ठूँस दिया गया! 

**

(17 Mar 2023)


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