Tuesday, November 15, 2022

अजातशत्रु


अजातशत्रु
जिनका कोई शत्रु नहीं होता
उनका कोई पक्ष नहीं होता I
जिनका कोई शत्रु नहीं होता
वे किसी के मित्र नहीं होते I
वे कभी सच के और न्याय के पक्ष में
खुलकर खड़े नहीं होते
और ग़लत को ग़लत कहने का
जोखिम नहीं मोल लेते I
वे हत्यारे के सम्मान में आयोजित सभा से
उठकर
उस व्यक्ति की शोकसभा में चले जाते हैं
जिसकी हत्या हुई रहती है
और क्रांति और शांति की 
आतुर पुकार भरी एक कविता लिखने के बाद
फ़ासिस्टों और तानाशाहों से
पुरस्कार लेने चले जाते हैं I
जो सर्वप्रिय और अजातशत्रु होते हैं
वे दरअसल धूर्त, मतलबी और
बेहद ठण्डे, क्रूर और कायर किस्म के
लोग हुआ करते हैं I
संत की निर्विकार मुद्रा ओढ़े हुए
निरंतर मानवता, करुणा और शान्ति की
बातें करने वाले ऐसे लोग
भेड़िये जैसे मक्कार होते हैं I
जिनका कोई शत्रु नहीं होता
वे दरअसल न्याय और मनुष्यता के
शत्रु होते हैं I
**

(15 Nov 2022)

No comments:

Post a Comment