Sunday, September 18, 2022

बच्चों की तुकबंदी


बच्चों की तुकबंदी

छम्म छमाछम चीता नाचे

ता थइ ता थइ गदहा

खेत चर गया बैल हरामी

रात तुड़ाके पगहा

देश विश्वगुरु बन गया भइया

बुरा ज़माना बीता

लोमड़ तिलक-त्रिपुण्ड लगाकर

बाँच रहा है गीता

भरे पेट टर्राय रहे हैं

मेढक मेड़ किनारे

चैनल में बैठे सब कौवे

पावन मंत्र उचारें

गाँजा पीकर बंदर सारे

सोहर-झूमर गावें

हुआँ-हुआँ करके सियार सब

दान-दच्छिना पावें

बस्ती-बस्ती घूम रहा है

खूनी लक्कड़बग्घा

ना बूझे यह बात वही

अव्वल दर्जे का मग्घा

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(18 सितम्बर 2022)

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