बच्चों की तुकबंदी
छम्म छमाछम चीता नाचे
ता थइ ता थइ गदहा
खेत चर गया बैल हरामी
रात तुड़ाके पगहा
देश विश्वगुरु बन गया भइया
बुरा ज़माना बीता
लोमड़ तिलक-त्रिपुण्ड लगाकर
बाँच रहा है गीता
भरे पेट टर्राय रहे हैं
मेढक मेड़ किनारे
चैनल में बैठे सब कौवे
पावन मंत्र उचारें
गाँजा पीकर बंदर सारे
सोहर-झूमर गावें
हुआँ-हुआँ करके सियार सब
दान-दच्छिना पावें
बस्ती-बस्ती घूम रहा है
खूनी लक्कड़बग्घा
ना बूझे यह बात वही
अव्वल दर्जे का मग्घा
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(18 सितम्बर 2022)
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