Sunday, August 22, 2021

 

जो भी व्यक्ति शोर की जगह संगीत चाहता है, दिलबहलाव की जगह उल्लास चाहता है, सोना की जगह अंतरात्मा चाहता है, कारोबार की जगह सृजनात्मक काम चाहता है,  मूर्खता की जगह जोशो-जुनून चाहता है, उसके लिए हमारी इस क्षुद्रता भरी, घिसी-पिटी दुनिया में कोई जगह नहीं होती।

-- हरमन हेस्से (1877-1962)

( जर्मन-स्विस कवि, उपन्यासकार, चित्रकार)


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इंद्रधनुष का अंत कहाँ होता है,

तुम्हारी आत्मा में या क्षितिज पर?

--पाब्लो नेरूदा, 'सवालों की किताब'

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