Sunday, August 15, 2021

 

"पीछे मुड़कर जब बदतरीन वक़्तों पर निगाह डालते हैं तो हमेशा ऐसा लगता है कि वे ऐसे वक़्त हुआ करते थे जब ऐसे लोग हुआ करते थे जो निरपेक्ष आस्था और निरपेक्ष कठमुल्लेपन के साथ किसी चीज़ में विश्वास करते थे । और वे इस मामले में इतने संजीदा हुआ करते थे कि इस बात पर ज़ोर देते थे कि बाक़ी सारी दुनिया भी उनके साथ सहमत हो । और उसके बाद, इस बात पर क़ायम रहने के लिए कि वो जो भी कहते रहे हैं वह सच है;  वो कुछ ऐसी चीज़ें करते थे जो उनकी अपनी ही मान्यताओं से सीधे-सीधे बेमेल हुआ करती थीं।"

-- रिचर्ड फ़ाइनमैन (विख्यात भौतिक विज्ञानी)

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