तमाम-तमाम बारिशें
.
एक बरसात में न जाने
कितनी बारिशें भिगो-भिगो जाती हैं!
कभी स्मृतियों का खारा या काला जल
कभी सीपिया सपने और कभी-कभार थोड़ा
पागलपन भी बरस जाया करता है।
प्यार और विश्वास और विचारों का तो
इसक़दर सूखा है कि ज़िन्दगी की वादियों में
कल्पना के सोते बहुत ही कम बचे रह गये हैं।
कितनी तेजी से क्रूरता का रेतीला फैलाव
वनस्पतियों से भरे हरियाले पाटों को
लीलता जा रहा है!
हर बरसात के मौसम में फिर भी हम शिद्दत से
सोचते हैं कि पानी हमें एकदम अंदर तक भिगो दे,
अगली बरसात तक के लिए अन्दर-बाहर तक की
मिट्टी नम कर जाये!
कम से कम कुछ सोतों और ताल-तलैयों के
सालभर साँस लेने लायक
पानी तो दे ही जाना सुखाड़ और उजाड़ के
इन रंगहीन दिनों में -- हर साल हम
बादलों से कहते हैं।
और चुल्लू भर पानी तो उन्हें भी मिलना ही चाहिए
डूब मरने के लिए, जो सोचते हैं कि
कायरता और क्रूरता और स्वार्थपरता अब
ऐसी चीज़ें नहीं रह गयीं कि इनके साथ जीते हुए
शर्म से पानी-पानी होने के बारे में सोचें हम
कवि-लेखक-कलाकार भी।
वे ऐसा कहते हैं और इनामों और वजीफों की बारिश में
भीगने चले जाते हैं।
वैसे कुछ सयाने बताते हैं कि ऐसे तमाम लोगों के लिए
जूतों की बारिश का मौसम भी आता है
किसी न किसी साल
एकदम अप्रत्याशित!
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एक बरसात में न जाने
कितनी बारिशें भिगो-भिगो जाती हैं!
कभी स्मृतियों का खारा या काला जल
कभी सीपिया सपने और कभी-कभार थोड़ा
पागलपन भी बरस जाया करता है।
प्यार और विश्वास और विचारों का तो
इसक़दर सूखा है कि ज़िन्दगी की वादियों में
कल्पना के सोते बहुत ही कम बचे रह गये हैं।
कितनी तेजी से क्रूरता का रेतीला फैलाव
वनस्पतियों से भरे हरियाले पाटों को
लीलता जा रहा है!
हर बरसात के मौसम में फिर भी हम शिद्दत से
सोचते हैं कि पानी हमें एकदम अंदर तक भिगो दे,
अगली बरसात तक के लिए अन्दर-बाहर तक की
मिट्टी नम कर जाये!
कम से कम कुछ सोतों और ताल-तलैयों के
सालभर साँस लेने लायक
पानी तो दे ही जाना सुखाड़ और उजाड़ के
इन रंगहीन दिनों में -- हर साल हम
बादलों से कहते हैं।
और चुल्लू भर पानी तो उन्हें भी मिलना ही चाहिए
डूब मरने के लिए, जो सोचते हैं कि
कायरता और क्रूरता और स्वार्थपरता अब
ऐसी चीज़ें नहीं रह गयीं कि इनके साथ जीते हुए
शर्म से पानी-पानी होने के बारे में सोचें हम
कवि-लेखक-कलाकार भी।
वे ऐसा कहते हैं और इनामों और वजीफों की बारिश में
भीगने चले जाते हैं।
वैसे कुछ सयाने बताते हैं कि ऐसे तमाम लोगों के लिए
जूतों की बारिश का मौसम भी आता है
किसी न किसी साल
एकदम अप्रत्याशित!
31 Jul 2021
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