Friday, July 17, 2020

 

आज की स्थिति की विचित्रता के बारे में ज़रा सोचिए । तीस-चालीस वर्षों पहले , हम फिर भी यह बहस कर रहे होते थे कि भविष्य क्या होगा : कम्युनिस्ट , फासिस्ट , पूँजीवादी या कुछ और । आज कोई इन मुद्दों पर बहस तक नहीं करता । हमसभी ने चुपचाप स्वीकार कर लिया है कि भूमंडलीय पूँजीवाद यहाँ बना रहेगा । दूसरीओर , हम ब्रह्मांडीय महाविपदाओं की संभावनाओं से मोहाविष्ट रहते हैं : जैसे किसी वायरस की वजह से , या किसी उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की वजह से धरती पर जीवन का समाप्त हो जाना या ऐसा ही कुछ । तो , विरोधाभास यह है कि पूँजीवाद में थोड़े से भी रेडिकल बदलाव की तुलना में धरती से सम्पूर्ण जीवन के अंत की कल्पना करना आज अधिक आसान हो गया है ।

--- स्लावोज जिज़ेक








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