देर रात के राग
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Monday, March 23, 2020
लगाकर आग शहर को ये बादशाह ने कहा,
'उठा है आज दिल में तमाशे का शौक़ बहुत !'
झुका के सिर सभी शाहपरस्त बोल उठे,
'हुज़ूर का शौक़ सलामत रहे, शहर और भी हैं बहुत !'
(पाकिस्तान की एक शायरा जिसका नाम नहीं मालूम)
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