Wednesday, September 26, 2018



यथार्थ एक गंभीर श्वेत मसखरे जैसा लगता है I यह गंभीर और तार्किक जान पड़ता है I सतर्क और विवेकवान I लेकिन अंतिम विश्लेषण में यह यथार्थ होता है, जो मूर्ख दीखता है, उपहास की एक चीज़ I इसका पार्टनर, चैप्लिन, निष्कपट और बच्चे जैसा, सबसे ऊपर दिखाई देता है I वह बेपरवाही के साथ हँसता है और इस बात पर गौर तक नहीं करता कि उसकी हँसी यथार्थ की ह्त्या कर देती है I

--- सेर्गेई आइजेन्स्ताइन

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