देर रात के राग
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डायरी के नोट्स : जो सोचती हूं उनमें से कुछ ही कहने की हिम्मत है और क्षमता भी
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मेरी कविताई: जीवन की धुनाई, विचारों की कताई, सपनों की बुनाई
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मेरी प्रिय कविताएं: क्षितिज पर जलती मशालें दण्डद्वीप से दिखती हुई
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Wednesday, September 26, 2018
जो वास्तव में हमें सुन्दर लगता है, वह यथार्थ होता है, लेकिन रोज़मर्रा के जिस यथार्थ के हम अभ्यासी होते हैं, उससे इतना भिन्न होता है कि "अयथार्थ" लगता है I
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