Wednesday, September 26, 2018




जो वास्तव में हमें सुन्दर लगता है, वह यथार्थ होता है, लेकिन रोज़मर्रा के जिस यथार्थ के हम अभ्यासी होते हैं, उससे इतना भिन्न होता है कि "अयथार्थ" लगता है I






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