देर रात के राग
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Friday, June 24, 2011
एक दमकता इस्पात जैसा ढला गीत
विचार से समृद्ध
पछतावे और पीड़ा से अम्लान
उड़ान भरे सपनों से बेदाग।
एक गीत जो चीज़ों की आत्मा तक
पहुंचता हो
,
हवाओं की आत्मा तक
एक गीत जो अंत में अनंत हृदय के
आनंद में विश्राम करता हो।
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लोर्का
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