Friday, September 20, 2019

तानाशाह की फ़ितरत



तानाशाह की कोशिश होती है कि वह
अतीत के सभी तानाशाहों से अलग दीखे
कि लोग उसे पहचान न सकें
एक तानाशाह के रूप में ।
इसके लिए वह सबकुछ अलग ढंग से करता है, जैसेकि
उन्माद फैलाना, वायदे करना, डींगें हाँकना, जुमले उछालना,
हँसना, रोना, उत्सव मनाना, सजना-धजना,
मार्गदर्शक मंडल बनाना, लोटा घुमाना,
लोकतंत्र के जलसे और जश्न मनाना,
लोगों से मन की बातें करना
और अर्थ-व्यवस्था को तरक्की के शिखर पर पहुँचाने के दावे के साथ
ढेर सारे नए-नए चकित करने वाले निर्णय लेना ।
और यह सबकुछ करते हुए तानाशाह
ज्यादा से ज्यादा पुराने तानाशाहों जैसा
लगने लगा था -- उतना ही नाटकीय, उतना ही विदूषक, उतना ही क्रूर और बर्बर, उतना ही लफ्फाज,
उतना ही मूर्ख और झूठा, वित्तीय पूँजी का
उतना ही वफ़ादार चाकर ।
वह उतना ही पहले जैसा नहीं था
जितना समय पहले जैसा नहीं था
और जितना पूँजीवाद पहले जैसा नहीं था ।

(18मार्च, 2019)

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