बाहर बर्फ़बारी जंगल को
यंत्रणा दे रही है।
असम्पृक्त भालू अपनी खोह में
शीतनिद्रा में पड़ा हुआ है।
परिचित दुखों के आदी लोग
अपरिचित दुखों के दुर्गम प्रदेश से
गुज़र रहे हैं।
मध्यकालीन मन्दिर का पुराना विशाल घण्टा
बजा रहे हैं जश्न मनाते हुए
नये ज़माने के हत्यारे।
हिम के बोझ से पुराने पत्ते गिर रहे हैं।
बीज इन्तज़ार कर रहे हैं बर्फ़ की परत के नीचे
तापमान के बढ़ने का।
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(28 Apr 2025)
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