"कवि की मुख्य ज़िम्मेदारी होती है कि वह भाषा को पर्याप्त पारदर्शी बनाए, ताकि उसके जरिये हम उन महत्वपूर्ण चीज़ों को देख सकें जो इस दुनिया में और जीवन में , और मृत्यु में भी, मौजूद हैं |"
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"मेरे लिए कविता स्नायु-तंत्र में एक स्फुलिङ्ग के समान होती है जो शब्दों के माध्यम से उद्घाटित हो सकती है --- शब्द जो गँवारू होते हैं लेकिन साथ ही खरे होते हैं और अनुनाद की क्षमता से भरपूर होते हैं, यहाँ तक कि रूप भी, उनके रूप में वह सामर्थ्य होती है कि हम उन्हें बोल सकें और उन्हें सुन सकें | वे ठोस नहीं होते, लेकिन उनका एक रूप होता है |"
---डेविड हुएर्ता (प्रसिद्ध मेक्सिकन कवि )
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