Sunday, June 02, 2024


पीछे है पतझड़ की वीरानगी।

आगे है एक विकट तूफ़ान। 

यह है बीच का एक पड़ाव। 

बसंत से हमारी मुलाक़ात हो न हो

हमारे बच्चों की ज़रूर होगी, 

यह पुराना यक़ीन अभी भी

सलामत है 

हमारे पास।

(2जून, 2024)

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