Monday, February 26, 2024

सच्चाइयों के आदी हो चुके लोग...


 

(एक और किस्सा सुनिए। आदतन सुना रही हूँ, जानते हुए भी दशकों से ऐसी सच्चाइयों के आदी हो चुके लोगों को इससे भला क्या फ़र्क़ पड़ेगा! इसलिए सुनकर भूल जाने के लिए इस किस्से को सुनिए जो दरअसल एक घटना है लेकिन इस देश के शरीफ़ और नाज़ुकमिजाज़ शहरी लोगों को ज़्यादा धक्का न लगे, इस ग़रज़ से इसे किस्से की शक़्ल में बयान कर रही हूँ। 

 किसी एक दूर देश के किसी एक राज्य की बीस-बाइस साल पुरानी कहानी है। उस राज्य के जो भी खाते-पीते ख़ुशहाल लोग थे उनमें से अधिकांश दिन-रात व्यापार में लगे रहते थे और व्यापार और नित्य क्रिया से बचे हुए समय में धर्म का काम करते थे और सेक्स करते थे जिसका बुनियादी मक़सद अपने व्यापारिक साम्राज्य के लिए वारिस पैदा करना होता था।

तीन साल पहले मुझे यह सच्ची कहानी एक ऐसे शख़्स ने सुनाई जो आजकल कनाडा में बस गया है और वहाँ स्ट्रीट फूड का ठेला लगाता है।) 

देशसेवा और धर्मरक्षा

घर लौटते समय मुहल्ले की दुकान पर स्कूटर रोककर उसने बेटी के लिए चाकलेट और होमवर्क की कापी ख़रीदी। दो दिन से कह रही थी। 

दुकानदार ने सलाम-बंदगी करते हुए पूछा, "आजकल तो आपके दर्शन दुर्लभ हो गये हैं!"

"सिर पर बहुत ज़िम्मेदारियांँ  हैं भाई! देख नहीं रहे हैं कैसा माहौल है! अजी यह जीवन तो बस देशसेवा और धर्मरक्षा को ही समर्पित है!" -- स्कूटर पर बैठते हुए उसने कहा। 

घर पहुँच नहा-धोकर संध्या-पूजन किया फिर बेटी को गोद में बिठाये सुप्रीम नेता का भाषण सुनने लगा जो देश को विश्वगुरु बनाने के बारे में था। फिर टीवी बंद कर भोजन किया और जल्दी ही सोने का उपक्रम करने लगा। 

पत्नी एकदम चकित-विस्मित थी। टाइम टेबल के हिसाब से तो आज उसकी कालरात्रि थी। आमतौर पर उसदिन खाने से पहले वह थोड़ी पीता था और खाने के बाद बच्ची को सुलाकर उसके ऊपर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ता था। सम्भोग से पहले उसे बुरीतरह काटता-पीटता-नोचता था, आटे की लोई की तरह गूँथता था, उसके ऊपर कूदता था और लगातार गालियाँ बकते हुए थूकता था। आज क्या हो गया है! 

अकबकाई ताकती पत्नी को हाथ से इशारा करते हुए उसने कहा, "सो जाओ, आज देशसेवा के काम से थककर चूर हो गया हूँ।"

पैर दबाती हुई पत्नी राहत और ख़ुशी के साथ सोच रही थी, "लगता है देश-धरम की सेवा की राजनीति करते-करते ये भी थोड़ा इंसान बनते जा रहे हैं।"

दरअसल उसदिन दो विधर्मी लड़कियों के साथ बलात्कार करने वाले झुण्ड में वह भी शामिल था। बाद में एक का पेट फाड़ दिया गया और दूसरे का गला रेत दिया गया। उसदिन शाम तक वह थककर निढाल हो चुका था। 

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(26 Feb 2024)


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