Saturday, December 23, 2023

मध्यवर्गीय जीवन: कुछ इम्प्रेशंस


मध्यवर्गीय जीवन: कुछ इम्प्रेशंस 

मध्यवर्गीय जीवन की हर त्रासदी एक प्रहसन होती है।

यूँ कहें कि त्रासदी यह होती है कि मध्यवर्गीय जीवन अपने आप में मनुष्यता का एक प्रहसन होता है।

मध्यवर्गीय नायक जब ख़ुद को 'ट्रेज़डी किंग' समझता होता है, लोग उसे उससमय एक जोकर के रूप में देख रहे होते हैं।

मध्यवर्गीय नागरिक अपने जीवन में जो न कर पाया और जो करना चाहता था, उन सबका विकट बोझ अपने बच्चों के कंधों पर डाल देता है और फिर भुनभुनाता रहता है कि नालायक की यही आदतें रहीं तो ज़िन्दगी में कुछ नहीं कर पायेगा। 

मध्यवर्गीय जीवन जब बहुत आदर्श रूप में होता है तो घोंघे की खोल में क़ैद दुनिया का एक मिनिएचर होता है।

मध्यवर्गीय नागरिक अपने सुखी परिवार में पत्नी से असंतुष्ट रहता है और बेटे-बेटियों के प्रति सशंकित।

मध्यवर्गीय नागरिक अपनी माँद में क्षुद्रता के अमोघ अस्त्र से किसी महायोद्धा का भी शिकार कर सकता है।

सुनने में आया है कि मैं एक ग्रंथ लिख रही हूँ:'मध्यवर्गीय क्षुद्रताओं का महाख्यान!'

लेकिन यह एक अफ़वाह है। ऐसी अफ़वाहें उड़ाना एक क्षुद्र मध्यवर्गीय शरारत है।

मैं मध्यवर्गीय शरारत नहीं करती। लेकिन मध्यवर्गीय शरारतों का मज़ा लेने में किसी को भला क्या दिक्कत हो सकती है!

(डायरी का एक इन्दराज)

(23 Dec 2023)

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