अच्छे लोग इस दुनिया से विदा लेते जा रहे हैं और उनकी जगह लेने वाले अच्छे लोग फ़िलहाल कम नज़र आ रहे हैं।
जो बुरे लोग मर रहे हैं उनकी जगह और बुरे लोग ले रहे हैं और इन ज़्यादा बुरे लोगों की तादाद भी बहुत ज़्यादा है। बहुतेरे भले लोग भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि दुष्टता, क्षुद्रता और नीच बेशर्म समझौतों के बिना "सफलता" की दौड़ में टिके रह पाना नामुमकिन है।
लेकिन इस परिदृश्य का कारण लोगों में नहीं, बुर्जुआ समाज के ऐतिहासिक पतन में निहित है। भौतिक जीवन का चौतरफ़ा संकट भीषण यातनादायी आत्मिक वंचना को जन्म दे रहा है।
लेकिन जीवन और इतिहास की गति द्वंद्वात्मक होती है। चीज़ें और परिदृश्य अपने विपरीत में रूपांतरित हो जाते हैं। इसी समय के गर्भ से निकलकर वह समय भी आयेगा जब अच्छे लोगों की जगह लेने के लिए और अधिक अच्छे लोग और बड़ी संख्या में उपस्थित होंगे और बुराइयों की विरासत को स्वीकारने वाले लोगों की संख्या घटती चली जायेगी।
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(14 Nov 2023)
(डायरी का एक इन्दराज)

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