Tuesday, August 17, 2021

हम पिछड़े समाजों के अँधेरों से आये हुए लोग ज़्यादातर मामलों में किफ़ायतशारी बरतते हैं, लेकिन ज़िन्दगी के मामले में काफ़ी फ़िज़ूलख़र्च होते हैं। जबतक होश आता है, तबतक ढेर सारी ज़िन्दगी यूँ ही ख़र्च हो चुकी होती है!

17 Aug 2021


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कुछ लोग सोचते हैं कि समय भी घड़ी की सुइयों की तरह गोल-गोल घूमता रहता है!

22 Aug 2021


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