हर सच्चे कवि की अपने तरीके से एक प्रतिबद्धता होती है और उसने मुश्किल से चीन्हे जाने वाले नियामकों और उत्पादन के मार्गदर्शकों से निर्देश की कभी प्रतीक्षा नहीं की I हाँ, यह स्वाभाविक है कि पेशेवर कवियों ने अक्सर अपने संरक्षकों, युवराजों और अभयदाताओं के प्रति अपने उदगार व्यक्त किये हैं पर फिर भी कविता का इतिहास ऐसी महान रचनाओं का इतिहास भी है जिन्होंने किसी भी किस्म की निरंकुशता को स्वीकार नहीं किया है I कोई कविता अपने समय में प्रचलित प्रतिबद्धता के अर्थ को पूरा करे या न करे पर वह अपने समय का प्रत्युत्तर ज़रूर होती है I ग़लती यह मान लेने में है कि यह प्रत्युत्तर विद्युत् की गति से तेज़ी से और तत्काल उपलब्ध होना चाहिए I यदि दुनिया में होल्डरिन के लिए जगह है तो ब्रेष्ट के लिए भी जगह है I एक दूसरी ग़लती यह सोचने में है कि कविता के इस प्रत्युत्तर को आँकड़ों से नापा जा सकता है या जिन कवियों के अधिक पाठक हैं वे ही अधिक महत्वपूर्ण हैं या बाज़ार की माँग को सर्वश्रेष्ठ तरीके से पूरा करना ही सबकुछ है I और, इसतरह हम कविता को कुछ इसतरह की चीज़ बना देते हैं मानो उसका उद्देश्य बिकना है I
-- इयुजेनियो मोंताले (चर्चित इतालवी कवि और गद्यकार)
(12 अक्टूबर 1896 - 12 सितम्बर 1981)
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