Tuesday, October 13, 2020

आपको एक ताज़ा किस्सा सुना रही हूँ । नोएडा में सप्ताह भर पहले घटी घटना है । यानी कि एकदम सत्यकथा है।

एक बंदा भाजपा के आई टी सेल में काम करता था । उम्र का तकाज़ा था, प्रेम रोग की गिरफ़्त में आ गया । विचारधारात्मक आग्रहों को ध्यान में रखते हुए पड़ोस में रहने वाली एक लड़की पर शराफ़त से डोरे डालने की कोशिश की जो दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य थी । लड़की ने कहा,"भइया जी, आपके घर में माँ-बहन तो हैं न !" 

उसने कहा,"हाँ जी बिल्कुल हैं और उनको कोई दिक्कत नहीं होगी, मैं चाहे जिसे पसंद करूँ !"

लड़की ने कहा,"आपको भारतीय संस्कृति और मेरे भइया के बारे में कोई जानकारी नहीं है और इससे आपका अनिष्ट हो सकता है । आपको सदा याद रखना चाहिए कि नारी की पूजा सत्पुरुषों का कर्त्तव्य है । यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता । आपको 'नमस्ते सदावत्सले' पूरा याद है ?"

 अब आई टी सेल वाला क्या बताता कि रोज़ वह सोशल मीडिया पर नारियों की वंदना किन मंत्रों के साथ करता है और वहाँ देशभक्ति भी ज़रा अलग ढंग से की जाती है । इतने में लड़की के भाई ने उन्हें संवादरत देख लिया जो स्थानीय भाजपा विधायक का पी ए था । फिर क्या था, उसने आव देखा न ताव, लड़के की ठीक से सेवा कर दी । यह बताने तक का मौक़ा नहीं दिया कि वह भाजपा के ही आई टी सेल का एक ज़िम्मेदार कर्मठ सिपाही है । 

कुछ दिनों तक तो दुखी-निराश लड़के ने किसी लड़की की ओर देखा तक नहीं । फिर समय बीतने के साथ ही प्रेम अगन फिर से सुलगने-भड़कने लगी । यही प्रकृति का नियम है, इसमें लड़का बिचारा क्या कर सकता था ! इस बार उसने खुद को आई टी प्रोफेशनल बताकर एक फर्म की कम्प्यूटर आपरेटर लड़की पर प्रयास किये और प्रभु कृपा से उसे सफलता भी प्राप्त हो गयी । 

एक सुहानी शाम प्रेमी-प्रेमिका एक सुन्दर उपवन में बैठे प्रेमानंद में गोते लगा रहे थे कि बजरंग दल वालों ने देख लिया । बिना कोई सफ़ाई का मौक़ा दिये उन्होंने लड़की को तो दो-चार थप्पड़ देकर भगा दिया लेकिन लड़के को ठीक से कूट दिया । उसका सिर फूट गया और कलाई की हड्डी टूट गयी ।

अगले दिन आफिस में छुट्टी की अर्जी भेजने के साथ ही उसने आई टी सेल के हेड को एक लम्बी शिक़ायती चिट्ठी ई- मेल से भेजी जिसकी प्रतिलिपि स्थानीय और केन्द्रीय भाजपा कार्यालय तथा नागपुर के अतिरिक्त अमित शाह को भी भेज दी ।

चिट्ठी में उसने मुख्य बात यह लिखी थी:  "पार्टी के विभिन्न विभागों और शाखाओं में प्रापर कोआर्डिनेशन के अभाव में कई गंभीर दुर्घटनाएँ घट रही हैं। इससे कार्यकर्त्ताओं का उत्साह स्खलित हो रहा है तथा वर्क एन्वायरन्मेण्ट, वर्क कल्चर और आउटपुट पर भी इसका नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है । मैं भी ऐसी ही एक दुर्घटना का शिकार होकर फ़िलहाल बेड रेस्ट पर हूँ । अतः विनम्र अनुरोध है कि इस समस्या के समाधान हेतु अविलम्ब आवश्यक कदम उठाये जायें !"

(13 Oct 2020)

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भक्त नया-नया...

"अब देश का हिन्दू जाग गया है । अब हम आँखें दिखाने वाले की आँख निकाल लेंगे। ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।"

एक भक्त नया-नया था। जोशो-जुनून में एकदम मतवाला हो गया । गुरूजी के भाषण के ये शब्द दिलो-दिमाग पर हथौड़े की तरह चोट कर रहे थे । रातभर नींद नहीं आई। करवटें बदलता रहा।

सुबह अपनी धुन में मगन दूध लेने जा रहा था कि मुहल्ले के कुख्यात कटखने कुत्ते ने पीछे से आकर पिण्डलियों में दाँत गड़ा दिये। 

फिर क्या था! भक्त ने कुत्ते को दौड़ाकर काट लिया । कई बार काट लिया । ईंट का जवाब पत्थर से !

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शाम को कुत्ता मर गया !

(13 Oct 2020)

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