Wednesday, September 09, 2020

 


देसी कुत्ता ही पालने की औकात है । विदेशी वाले तो इसी को कुत्ता समझके पाल लेंगे । वैसे यह ख़ुद देसी मालिकों का ऐसा देसी कुत्ता है जिसने ख़ुद कई भौंकने वाले, कई काट खाने वाले और कई जासूसी करने वाले देसी कुत्ते पाल रखे हैं ! तो फिर एक कुत्ती किस्म की कविता लिखी जा सकती है:

कुत्ते ने भी कुत्ते पाले ।

ख़ुद कुत्ता था कई कुत्तों का

फिर भी उसने कुत्ते पाले ।

बड़े प्यार से, बड़े चाव से, बड़ी लगन से कुत्ते पाले ।

फिर जो कुत्ते उसने पाले

उन कुत्तों ने कुत्ते पाले,

किसिम-किसिम के कुत्ते पाले ।

किसिम-किसिम के उन कुत्तों ने और किसिम के कुत्ते पाले ।

और इसतरह ऊपर से नीचे तक कुत्ते 

रजधानी से गाँव-डगर कुत्ते ही कुत्ते

लोगों की छाती पर ऐसा कुत्ता सिस्टम खड़ा हो गया ।

कुत्ता जो इंसान बन गया, इंसानों से बड़ा हो गया ।

(9सितम्‍बर, 2020)

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