Friday, September 04, 2020

 

आपदाओं की बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही । लेकिन एक अहम बात यह है कि नील के नाद में गिरने से नीला हुआ सियार भी लाख कोशिशों के बावजूद ख़ुद को भीगने से बचा नहीं पा रहा है । उसपर चढ़ा नीला रंग बहता जा रहा है । जल्दी ही वह अपने असली रूप में सामने होगा -- एक उग्र भीड़ से घिरा हुआ, बदहवास, पूंछ सटकाये हुए, थरथर कांपता हुआ, पेशाब करता हुआ । इसका तो पोपट हो चुका है । बड़ी दुरगति होने वाली है इसकी । यक़ीन नहीं होता तो ख़ुद ही देख लीजिएगा । ज्यादा देर नहीं है ।

(4सितम्‍बर, 2020)

No comments:

Post a Comment