जनद्रोही सत्ता अगर किसी व्यक्ति को राजद्रोही क़रार देती है तो यह उसके लिए गौरव की बात है ।
भ्रष्ट न्यायपालिका अगर किसी को अपनी अवमानना का दोषी ठहराती है तो यह उस व्यक्ति के लिए सम्मान की बात है ।
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ऐ ल्लो मी लॉर्ड! ये तो मैंने भी शेयर कर दिये प्रशान्त भूषण के ट्वीट्स! इसका भी स्वयं संज्ञान ले लीजिए हुज़ूर!
(सभी साथियों से आग्रह है कि प्रशांत भूषण के ट्वीट्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करके आनलाइन 'अवमानना सत्याग्रह आंदोलन' चलाइये । न्याय के पक्ष में कम से कम इतना तो आप कर ही सकते हैं!)
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"मी लॉर्ड! इनका संगीन ज़ुर्म यह है कि इनके पास ज़िन्दा ज़मीर पाया गया है! ऊपर से तुर्रा यह कि ये लोग सरे-आम ऐलान करते हैं कि इनका ज़मीर अभी ज़िन्दा है । ये बंदा तो उनमें से सिर्फ़ एक है। ऐसे और भी बहुत सारे हैं। हुक़ूमत की हिफाज़त के लिए उन सबकी ज़ुबान पर ताले लगाने होंगे, कुछ ऐसा करना होगा कि ऐसे सारे दिमाग़ सोचना ही बंद कर दें। ख़ौफ़! अवाम के दिलो-दिमाग़ में सिर्फ़ ख़ौफ़ बैठाकर ही हुक़ूमत की हनक और अदालतों के इक़बाल को बरक़रार रखा जा सकता है! इसके लिए ज़रूरत पड़े तो ज़मीर और इंसाफ़ की बात करने वाली हर आवाज़ को ख़ामोश कर दिया जाना चाहिए। फ़िलहाल तो इस शख़्स को कड़ी से कड़ी सज़ा सुनाई जानी चाहिए जो अपने आप में एक नज़ीर हो और लोगों को सबक मिले।
मगर हुज़ूर, न जाने क्यों ये सारी तज्वीज़ रखते हुए भी मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा है, मेरी टांगें कांप रही हैं, मेरे ज़ेहन में आने वाले दिनों के किसी ख़ौफ़नाक मंज़र की पेशीनगोई हो रही है। हुज़ूर मुआफ़ करें, मुझे ज़ोर की पेशाब लगी है। बस अभी फ़ारिग़ होकर आपकी ख़िदमत में पेश होता हूं।"
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हमका हरले डेविडसन दिला द बाबूजी हो
दिला द मालिकजी हो दिला द साईंजी
हमका हरले ... ...
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हरले पर बइठबि नजारा लेइब दुनिया के
मेम साहिब घुमिहें, घुमाइब ललमुनिया के !
भगती के फल हमका चखा द बाबूजी हो चखा द बाबूजी
हमका हरले ...
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सगरी नियाव तोहरी जूती में घुसाई देइब
अन्हरी कनुनिया के चकरी घुमाई देइब !
अपने सरग में हमके घुसा ल बाबूजी हो घुसा ल बाबूजी
हमका हरले ... ...
(अइसने किछु लाइन दिमागि में घूमि रहलि बा ! पबलिक के सोहाई त ई लोकगीत के अउर आगे बढ़ावल जाई!)
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