Tuesday, August 11, 2020

 

"अबे भकचोन्हर! तेरी बुद्धि भी मुटिया गयी है। गलवान-पेगांग की बात दाब दे। ऊ चीनी सब रगेद के लतियायेगा। पाकिस्तान और नेपाल को धकियाते रहना है। मंदिर की हवा अभी बनी रहेगी । अभी कश्मीर है, यूनिफॉर्म सिविल कोड हैं, एन आर सी-एन पी आर-सी ए ए हइये है। कोरोना जाते ही उसपर लग जाना है। तबतक इन सबकी अगुआई करने वाले एक-एक को बीनकर भित्तर ठूंस दो। यही आपदा में अवसर है । जबतक सब चूतिये बझे रहेंगे, मस्त रहेंगे। फिर ज़रूरत पड़ेगी तो 2024 के पहले काशी-मथुरा को हवा दे देंगे। ला चिलम चढ़ा बुड़बक!"



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