इतिहास-पुरुष मोदीजी के लिए कुछ बहुमूल्य सुझाव
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(मेरे साथियो-दोस्तो-शुभचिंतको ! आपलोगों को धक्का लगे तो लगे, मैं तो इस बात की कायल हो चुकी हूँ कि ईश्वर ज़रूर कहीं बैठा हुआ लीला कर रहा है और वह हमारे मोदीजी को निमित्त बनाकर अपने किसी उद्देश्य की पूर्ति करना चाहता है ! अन्यथा ऐसा होता ही नहीं कि इतना मूर्ख, इतना झूठा, इतना असभ्य, इतना तुच्छ, इतना सड़क छाप, इतना लम्पट टाइप और इतना आपराधिक किस्म का एक व्यक्ति आज देश पर एक एकछत्र शासन करता होता और तमाम महाविपत्तियों के बावजूद उसकी सत्ता सलामत बनी रहती ! यह सब परम-पिता परमेश्वर की लीला है I मैंने तय किया है कि ईश्वर की लीला और इच्छा में सहायक बनकर मैं अपने उन तमाम पापों का प्रक्षालन करूँगी जो कम्युनिस्ट और नास्तिक होकर जीते हुए मैंने किये हैं ! उनके दंड-स्वरूप मुझे हजारों वर्षों तक कुम्भीपाक, रौरव, महारौरव आदि-आदि नरकों में असह्य यंत्रणा भुगतनी पड़े, ऐसा मैं कदापि नहीं चाहती I यह देश यथाशीघ्र विश्वगुरु बने और दुनिया का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बने और मोदीजी उसके चक्रवर्ती सम्राट बनें, इसके लिए मैंने उन्हें कुछ बहुमूल्य सुझाव भेजे हैं ! आप भी इन्हें पढ़कर कुछ राय दे सकते हैं, ईर्ष्या से जल-भुन सकते हैं, या अपने को बहुत अक्लमंद समझकर मेरी हँसी उड़ा सकते हैं; आपकी मर्जी !)
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परमादरनीय, प्रातःस्मरणीय मोदीजी,
कोरोना की आपदा को सुअवसर में बदलकर सभी "देशद्रोहियों", विधर्मियों, उद्दंड गरीब मज़दूरों को तो आप सबक सिखा ही रहे हो, पर मेरी बात मानो, सारा हिसाब-किताब एकमुश्त चुकता कर लो ! मैं आपको सही राय दे रही हूँ !
सबसे पहले तो सभी मुसलमानों और सरक़श गरीबों को , सभी मानवाधिकारकर्मियों को, सभी मज़दूर संगठनकर्ताओं को डिटेंशन सेण्टर में डाल दो ! इसके लिए सैकड़ों बड़े-बड़े डिटेंशन सेण्टर बनाने होंगे I उन डिटेंशन सेंटरों के आस-पास सभी कारखानेदारों को वर्कशॉप्स लगाने दो ताकि वहाँ कैदियों से बेगारी कराई जा सके I जो काम करने लायक न रह जाएँ उन्हें ठिकाने लगाने के लिए गैस-चैम्बर भी बनवाने होंगे !
बूढ़ी और बेकार आबादी को कोरोना संक्रमण से मर जाने दो, फालतू का बोझ हटेगा ! टेस्टिंग, क्वोरेन्तीन आदि की सुविधा बढाने की कोई ज़रूरत नहीं ! बस मौतों और संक्रमितों के सही आंकड़े कभी सामने आने ही नहीं चाहिए ! मीडिया तो दुआरे की कुतिया है ही, सुप्रीम कोर्ट सेवा में दंडवत लेटा ही है, फिर चिंता काहे की !
पेट का मारा मजूरा जाएगा कहाँ ? 14-14 और 16-16 घंटे काम करेगा, बन्दूक की नोक पर काम करेगा ! सभी यूनियन वाले तो ऐसे ही केंचुओं की तरह रेंग रहे हैं ! उन्हें इकट्ठा करके एक टब में डाल दो ! सभी विपक्षी बुर्जुआ दलों पर सी.बी आई. बैठा दो, फर्जी मुक़दमे ठोंक दो, अवैध संपत्ति की जांच शुरू कर दो, वे तो ऐसे ही घुटनों के बल सर झुकाकर खड़े हो जायेंगे !
और हाँ, फर्जी मुठभेड़ों, साजिशाना हत्याओं, दंगों, मॉब लिंचिंग, अयोध्या के बाद काशी-मथुरा --, लगातार ये सिलसिला चलते रहना चाहिए, बल्कि और जोर-शोर से चलना चाहिए !
पर मैं बता दूँ, सिर्फ़ इतने से काम नहीं चलेगा ! देशभक्ति के जुनून के बिना कुछ नहीं होगा ! आपने इतने वर्षों में भारत को एक अजेय, आत्मनिर्भर विश्वशक्ति बना दिया है ! यही समय है कि सभी आस-पास के बुटेला-बुटेली छोटे-छोटे पड़ोसी देशों को उनकी औकात दिखा दी जाए ! अब यह तो हद हो गयी कि नेपाल हमें आँख दिखाए ! हमें फ़ौरन नेपाल को सबक सिखाना चाहिए और पिथौरागढ़ से लेकर तराई तक के सटे पूरे इलाके को कब्जे में ले लेना चाहिए ! इसके साथ ही हमें पाकिस्तान को भी घुटनों पर लाना होगा और चीन में तिब्बत तक घुसकर दशकों पुराने सीमा-विवाद को चन्द हफ़्तों में हल कर देना होगा ! फिर बंगलादेश, अफगानिस्तान, म्यांमार और मालदीव से तो निपटना बस चन्द दिनों की बात रह जायेगी !
आज आपके दैवी नेतृत्व में भारत इतना शक्तिशाली हो गया है कि ये सारे काम एक साल में निपटाकर अखंड जम्बू-द्वीप पर आर्यावर्त के महान साम्राज्य की स्थापना की जा सकती है, जिसके चक्रवर्ती सम्राट सिर्फ़ और सिर्फ़ आप ही हो सकते हैं ! प्राचीन रोमन साम्राज्य, आस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य, ओटोमन साम्राज्य तथा चंगेज़ खान और कुबलाई खान के साम्राज्य की ही तरह भविष्य में नरेंद्र साम्राज्य को भी याद किया जाएगा ! हिटलर की आत्मा थोड़ी ईर्ष्या के साथ खुश हो जायेगी कि हमारी भारतीय औलाद तो मुझसे ज्यादा समझदार निकली !
मोदीजी, मैं बता दे रही हूँ, अब एक-एक दिन की देरी घातक है I आपके पास खोने के लिए सिर्फ़ आपकी मूर्खता है और जीतने के लिए पूरी दुनिया है I इतिहास आपको आवाज़ दे रहा है ! भविष्य आपकी प्रतीक्षा कर रहा है ! आगे बढिए, जनता आपको कल्कि अवतार मानकर सिर पर बैठा लेगी !
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देखिये, कुछ लोग हर शुभ कार्य में विघ्न डालते हैं ! कुछ यज्ञ-विध्वंसक हर जगह होते हैं ! आपको कुछ लोग मेरे ख़िलाफ़ खूब भड़कायेंगे कि मैं आपको पुदीने के झाड़ पर चढ़ा रही हूँ, पके फलों से लदे ताड़ के पेड़ के नीचे ध्यान लगाने को कह रही हूँ, मगरमच्छों से भरे तालाब में सिंघाड़े तोड़ने भेज रही हूँ, ... वगैरा-वगैरा... ! पर आप किसी के कहे में मत आइयेगा ! ये ईर्ष्यालु और विघ्न-संतोषी जीव हैं ! इनको आप हिरेन पंडया, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और पर्रीकर आदि के पास भेज दीजिएगा, नहीं तो ये आपके साम्राज्य-निर्माण के ऐतिहासिक प्रोजेक्ट को लागू नहीं होने देंगे ! मैं तो आपको अबतक के इतिहास का महानतम साम्राज्य-निर्माता बनते देखना चाहती हूँ ! इसके लिए ये सारे काम एक साथ करने होंगे ! समय बहुत कम है I बस, कुछ सोचना नहीं है, दिन-रात एक करके इस ड्रीम-प्रोजेक्ट को साकार करने में जुट जाना है !
(27मई, 2020)
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