Monday, May 11, 2020

सआदत हसन मंटो के उद्धरण...


अगर तवायफ़ का मतलब ‘पैसा लेकर इज्जत का सौदा करना’ है तो पूरा मुल्क एक रंडी का कोठा है। माज़रत... मैं कलम को कंडोम पहनाने का क़ायल नहीं।


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मैं ऐसे समाज पर हज़ार लानत भेजता हूँ जहाँ यह उसूल हो कि मरने के बाद हर शख्स के किरदार को लॉन्ड्री में भेज दिया जाए जहाँ से वो धुल-धुलाकर आए I


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मैं तहजीबो-तमद्दुन की और सोसाइटी की चोली क्या उतारूँगा, जो है ही नंगी। मैं उसे कपड़े पहनाने की कोशिश भी नहीं करता, इसलिए कि यह मेरा काम नहीं...


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