अगर तवायफ़ का मतलब ‘पैसा लेकर इज्जत का सौदा करना’ है तो पूरा मुल्क एक रंडी का कोठा है। माज़रत... मैं कलम को कंडोम पहनाने का क़ायल नहीं।
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मैं ऐसे समाज पर हज़ार लानत भेजता हूँ जहाँ यह उसूल हो कि मरने के बाद हर शख्स के किरदार को लॉन्ड्री में भेज दिया जाए जहाँ से वो धुल-धुलाकर आए I
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मैं तहजीबो-तमद्दुन की और सोसाइटी की चोली क्या उतारूँगा, जो है ही नंगी। मैं उसे कपड़े पहनाने की कोशिश भी नहीं करता, इसलिए कि यह मेरा काम नहीं...
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