बेटा बहुत लायक़ और आज्ञाकारी था ! कैम्पस की सारी सरगर्मियों से एकदम अलग रहता था ! आन्दोलन वगैरह से तो कोसों दूर रहता था ! हमेशा किताबों में मुंडी गाड़े रहता था ! जल्दी ही सिविल सर्विसेज में सिलेक्शन हो गया । नौकरी ज्वाइन करने जाते समय माँ-बाप और रिश्तेदारों ने ज़रूरी नसीहतें और हिदायतें दीं।
फिर वह अपने प्रिय पालतू कुत्ते से भी गले मिला I कुत्ते ने कहा,"पार्टनर, सबसे ज्यादा काम वही चीज़ आयेगी जो तुमने मेरे साथ रहकर सीखा है ! किसपर भौंकना है, किसे काट खाना है और किसके आगे 'कूँ-कूँ' करते हुए दुम हिलाना है, यह हमेशा याद रखना ! फिर बेहिसाब तरक्क़ी करोगे और कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, राजदूत, चुनाव आयोग के अध्यक्ष या राज्यपाल तक-- तरक्क़ी की सीढ़ियाँ बस चढ़ते ही चले जाओगे !"
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बादशाह सलामत हर मामले में ख़ास और सबसे अलग होना चाहते थे ! वह चाहते थे कि जो काम वह करें वह कोई और न करे !
उन्होंने तय किया कि रिआया की बदचलनी एकदम रोक देनी होगी ! शहर के तमाम कोठे बंद कर दिए गए और तमाम रंडियों और भंड़वों को शहर क़ाज़ी की अदालत में पेश किया गया I
शहर क़ाज़ी ने डपटकर पूछा,"तुमलोग इतना गंदा पेशा क्यों करते हो ?"
एक रंडी बोली,"हुज़ूर, हम तो पापी पेट की खातिर मजबूर होकर अपना तन बेचते हैं मगर ओहदे की खातिर ज़मीर तो नहीं बेचते ! बेबसी में तन का सौदा करते हैं, लेकिन इंसाफ़ का सौदा तो नहीं करते !"
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सच कहते हैं, जो मेहनती हो और जिसमें लगन हो उसकी तरक्क़ी का रास्ता कोई नहीं रोक सकता ! उसूलों की आड़ तो लोग बिलावजह लिया करते हैं !
मोहल्ले में एक लौंडा था I थोड़ा लम्पट था और थोड़ा जूआ खेलता था, फिर भी मेहनत से एल.एल.बी. पास करके वकील हो गया ! दलाली और ठगी में भी जल्दी ही माहिर हो गया, लेकिन वक़ालत से अधिक कमाई प्रॉपर्टी डीलिंग और शेयर दलाली में दीखी, सो काला कोट पहने-पहने ही वह इन कामों में भी लग गया ! उसकी हुनरमंदी को देखकर पिताजी (जो एक रिटायर्ड दारोगा थे) ने भी ज़रूरी सलाह दी और वह हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगा और फिर जल्दी ही जज हो गया ! अब वह सोचता था कि रिटायरमेंट के बाद अगर किसी आयोग में जगह नहीं मिली, या कोई राजनीतिक नियुक्ति नहीं मिली तो फिर से प्रॉपर्टी डीलिंग और शेयर दलाली का काम शुरू कर देगा, या फिर किसी बड़े शहर में दफ़्तर खोलकर लोगों को वीजा दिलाने और विदेश भिजवाने का काम करने लगेगा !
(8मार्च, 2020)
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