इस बीच कुछ दिन अस्वस्थ रही, फिर कुछ ज़मीनी और कुछ राजनीतिक-सांगठनिक-वैचारिक सरगर्मियों में व्यस्त रही, अतिशय व्यस्तताओं में कुछ अस्त-व्यस्त रही I
जनता पर टूट पड़ी फासिस्ट आफतों की इस काली आँधी में, कहीं एकांतवास नहीं कर रही थी I नयी तैयारियों और सरगर्मियों के बीच पुनर्नवा हो रही थी I
इस बीच जिन साथियों ने चिंता और सरोकार के साथ मेरी खोज-खबर ली, मेरी सेहत और सलामती को लेकर फिक्रमंदी जाहिर की, उन सभी को तहेदिल से शुक्रिया और इंक़लाबी सलाम ! मैं फेसबुक से एकदम दूर थी, इसलिए आपलोगों के सन्देश देख न सकी I खेद है ! मैं अपने मोर्चों पर भरपूर सक्रिय थी, फेसबुक को छोड़कर I
संघर्ष के मोर्चों पर बनी रहूँगी I थकना, हारना, डरना, या पीछे हटना -- यह तो मैं सोच भी नहीं सकती I हम जीतने के लिए लड़ते हैं पर हार की परवाह किये बिना भी लड़ते हैं I फासिस्ट कहर के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा I
जानते हैं कि "रण कठिन है और इसमें जीतने का प्रण कठिन है !" पर यह विश्वास है कि "सजेंगे फिर नए लश्कर, मचेगा रण महाभीषण !"
आज छात्र-युवा-प्रबुद्ध नागरिक सड़कों पर हैं ! कल इन्हीं सड़कों पर अवाम का सैलाब उमड़ेगा !
नागरिकता का काला रजिस्टर जलाकर राख कर देना होगा !
नागरिकता कानून के 'अनागरिक' संशोधन को सिरे से खारिज कर देना होगा !
(18दिसम्बर, 2019)
*******
अभी से एक देशव्यापी मुहिम चलाने की ज़रूरत है I हमें देशव्यापी जागृति यात्राएँ निकालनी होंगी और गाँवों-शहरों के आम लोगों को यह बताना होगा कि अपराधियों-हत्यारों की सत्ता के सामने अपनी नागरिकता प्रमाणित करने और उसके सबूत जुटाने के लिए मीलों लम्बी कतारों में कई-कई दिनों लगे रहना खुद को भेड़-बकरी साबित करने के समान होगा I
लोगों को कन्विंस करना होगा कि कोई भी नागरिकता रजिस्टर में अपना नाम न दर्ज़ कराये ! तब देखें कि अम्बानियों-अदानियों और साम्राज्यवादी लुटेरों की सेवा में सन्नद्ध हत्यारों-तड़ीपारों-बलात्कारियों-भ्रष्टाचारियों-धर्मोन्मादियों और सड़क के लम्पटों का यह सत्तारूढ़ फासिस्ट गिरोह कितने लोगों को डिटेंशन कैम्पों में रख पाता है !
पूरे देश को अगर डिटेंशन कैम्प बनाने की कोशिश करेंगे तो बहुत जल्दी खुद को 'नूरेम्बर्ग ट्रायल' जैसे किसी मुकदमे के अभियुक्त के रूप में कटघरे में खड़ा पायेंगे, अपने कुकर्मों की गंद में लिथड़े हुए, अपने ही पसीने, टट्टी-पेशाब और आँसू में सने हुए, और थरथर काँपते हुए !
(18दिसम्बर, 2019)
No comments:
Post a Comment