Sunday, December 29, 2019


यार ! गजब झुट्ठा, गलदोद और लबरा है ! कुछ बातों पर एकदम पलटी मार गया, कुछ पर सफ़ेद झूठ बोल गया और कुछ पर गोल-गोल घुमाता रहा, जलेबी पारता रहा ! लोग उसके रोने का इंतज़ार करते रहे, पर आज रोया नहीं ! हाँ, यह ज़रूर बोला कि लोग अगर उससे नाराज़ हैं तो उसके पुतले बनायें और चौराहों पर उसे जूते लगायें और जलायें ! लोगों को उसकी यह इच्छा ज़रूर पूरी करनी चाहिए और इस राष्ट्रीय कर्तव्य-निर्वाह में बाधा डालने की जगह शासन-प्रशासन को लोगों की मदद करनी चाहिए !

लेकिन सावधान रहिये ! फिर अपनी बातों से पलटी मार जाएगा और वह करने लगेगा जो करना चाहता है ! या फिर, बोलता कुछ और रहेगा और करता कुछ और रहेगा !

दमन जारी रहेगा और शान्ति के उपदेश और राष्ट्रहित की दुहाइयाँ भी ! खुद तोड़फोड़ करवाएगा और सारा दोष लोगों पर मढ़ देगा !

(22दिसम्‍बर, 2019)

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अजीब उलझन है बिचारे की ! केतनाहूँ सोच के कवनो जुमला बोलता है, पता चलता है कि चचा तो 80-85 साल पहले ही जर्मनी में अइसा ही बोल गए थे ! अउर पबलिक ऐसी खुराफाती कि ढूँढ भी लाती है आईना दिखाने अउर जात पहचनवाने के लिए !

(23दिसम्‍बर, 2019)

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अर्बन नक्सल कौन ?
वह जो अर्बन नात्सी का विरोध करता है !

(23दिसम्‍बर, 2019)

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अबे, इतने दिनों से देस के लोग समझा रहे हैं, बात कपार में नहीं घुस रही है ? ई बात बनाना, गोल-गोल घुमाना, झूठ पर झूठ पर झूठ बोलते चले जाना आउर पकड़ाने पर थेंथरई करना -- ई सब क्या है ? राजदण्ड के बूते जियादा फउंकना-अइंठना नहीं चाहिए ! लोग जब लट्ठ लेकर चहेटते हैं तो गाँव के सिवान के बाहर तक चहुंपा आते हैं ! गबरघिंचोर कहींका ! बिनासकाले बिपरीत बुद्धी ! तुम्हारा सत्यानास होकर रहेगा ! दुरजोधन का मउसा हो कि फूफा ?
(23दिसम्‍बर, 2019)

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