किसी ने कनपटी में गोली मार ली, किसी को लोगों ने सड़कों पर घसीटा और चौराहे पर उल्टा टाँग दिया, कोई सज़ायाफ़्ता होकर ताउम्र जेलों में सड़ा, कोई विदेश भागकर गुमनामी में जीते हुए मरा ।
दुनिया के हर फासिस्ट ने,हर किसिम के तानाशाह ने ताउम्र हुक़ूमत करने के बारे में सोचा, पर कोई नहीं कर पाया ।
फिर भी हर तानाशाह यह सोचने से बाज नहीं आता।
इस बार भी हिसाब होगा । सबका हिसाब होगा । गिन-गिन कर हिसाब होगा । पाई-पाई का हिसाब होगा ।
(29दिसम्बर, 2019)
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