Wednesday, December 18, 2019


अरे मूढमति भक्तो ! राम तो विष्णु के मनुज-रूप अवतार थे ! विष्णु तो क्षीरसागर में शेष-शैय्या पर लक्ष्मीजी से पैर दबवाते हुए विश्राम कर रहे हैं ! मनुज-रूप अवतार की जन्म-भूमि के लिए इतना कुफ्फार मचाये हुए हो और कैलाश पर्वत पर शिव साक्षात् पत्नी पार्वती और दो पुत्रों-- गणेश और कार्तिकेय के साथ रहते हैं ! सोचो-- शिव साक्षात्, उनका कोई मनुज-रूप अवतार नहीं ! और वह कैलाश-मानसरोवर चीन के कब्जे में है ! लानत है तुम्हारे हिन्दुत्व पर, जो साक्षात् शिव के निवास को हिन्दुओं के कब्जे में लेने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हो ! धर्म-रक्षा की बात करते हो और प्राणों की परवाह करते हो ! छिः! कितनी घृणास्पद बात है! सच्चे हिन्दू होते तो बिना हार-जीत की और मृत्यु की चिंता किये कैलाश पर्वत की मुक्ति के लिए उत्तर की ओर प्रस्थान कर देते! पर तुमलोग इतने कायर हो कि यह नहीं करोगे! और सोचो कि शिव का निवास जिस चीन ने कब्जिया रखा है, उसी देश के राष्ट्रपति शी जिन-पिंग का मोदी पलक-पांवड़े बिछाकर दो-दो बार स्वागत कर चुके हैं! ऐसे धर्मद्रोही के तुम भक्त बने फिरते हो! लानत है! सीधे नरक में जाओगे और 1.तामिस्त्र, 2.अंधमिस्त्र, 3.रौरव, 4, महारौरव, 5.कुम्भीपाक, 6.कालसूत्र, 7.असिपवन, 8.शूकरमुख, 9.अंधकूप, 10.मिभोजन, 11.संदेश, 12.तप्तसूर्मि, 13.वज्रकंटकशल्मली, 14.वैतरणी, 15.पुयोद, 16.प्राणारोध, 17.विशसन, 18.लालभक्ष, 19.सारमेयादन, 20.अवीचि, 21.अय:पान, 22.क्षरकर्दम, 23.रक्षोगणभोजन, 24.शूलप्रोत, 25.दंदशूक, 26.अवनिरोधन, 27.पर्यावर्तन और 28.सूचीमुख -- कुल 28 तरह के नरकों में लाखों वर्षों तक अकथनीय यंत्रणाएं भुगतोगे!

(19अक्‍टूबरख्‍ 2019)

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