Saturday, July 27, 2019


भगवा भेड़ियो ! तुम भारी भ्रम के शिकार हो ! हम किताबी "वामपंथी", लिबड़ल या चोचल ढेलोक्रेट नहीं हैं जो तुम्हारी धमकियों और गंदी गालियों से डर-सहमकर चुप लगा जायेंगे और माँद में दुबक जायेंगे I हम वो लोग हैं जो फासिज्म या किसी भी अन्यायी शक्ति के ख़िलाफ़ लड़ने का संकल्प लेते हैं तो किसी भी अंजाम की परवाह नहीं करते ! हम जीतने के लिए लड़ते हैं, पर हार से डरते भी नहीं !
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मित्रों-साथियों को बता दूँ कि भगवा भेड़ियों को कहीं से मेरा मो.न. मिल गया और 24 मई से लेकर करीब एक पखवारे तक वे अलग-अलग नंबरों से मुझे गालियाँ और धमकियाँ देते हुए फोन करते रहे और व्हाट्सअप पर पोर्न क्लिप्स भेजते रहे I उन्होंने यह भी कहा कि गौरी लंकेश बनने की कोशिश करोगी तो जल्दी ही उसी के पास पहुँचा दी जाओगी I एक मित्र ने फोन टेप करके पुलिस में रिपोर्ट करने को कहा पर मेरे फोन में टेप करने की सुविधा नहीं है I फिर मैंने सोचा कि इससे फर्क भी क्या पड़ेगा ! बक़ौल ब्रेष्ट,"वो सबकुछ करने को तैयार, सभी अफसर उनके !" हाँ, व्हाट्सअप को मैंने ज़रूर रिपोर्ट कर दिया और सभी नंबरों को ब्लॉक करती रही I ब्लॉक किये गए सभी नंबरों को मैंने नोट भी कर लिया है !

मुझे न कोई भय है, न कोई भ्रम ! जानती हूँ कि आने वाले दिनों में फासिस्टों से सड़कों पर तो जूझना ही होगा ! सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि हम मेहनतक़श अवाम को किस हद तक जागृत, शिक्षित और संगठित कर पाते हैं, उनके बीच अपनी ज़मीनी सरगर्मियों के जरिये ! चुनावी हार-जीत से फासिज्म को पीछे नहीं धकेला जा सकता और संसदीय वाममार्गी जड़वामनों, लिबरल गावदियों और सोशल डेमोक्रेट छैला बाबुओं से कुछ नहीं होने का, यह तो अब भ्रमित लोगों को भी समझ में आ जाना चाहिए ! फासिज्म जबतक ताक़त के बूते ज़मींदोज़ नहीं किया जाएगा, तबतक वह खून के दलदल में बर्बरता की अट्टालिका खड़ी करने में जुटा रहेगा ! अभी तो नींव खोदकर पिलर ही खड़े किये जा रहे हैं ! जाहिर है, सामने एक लम्बी लड़ाई है और कठिन भी ! यह हमारी प्रतिबद्धता के खरेपन का और हमारे साहस का इम्तेहान लेगी !

और सच्चा प्रतिबद्ध वही होता है जो अपनी प्रतिबद्धता की हर कीमत चुकाने के लिए तैयार रहे !
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तो भगवा भेड़ियो ! वैसे तो मैंने रामू की कहानियों का समापन कर दिया था, पर मैं अब फिर से रामू और उसके तड़ीपार वज़ीर की कहानियाँ लिखती रहूँगी और देश को ठेके पर चढ़ाने वाले प्रॉपर्टी डीलर दुग्गल साहेब और उनके दोस्तों-आकाओं के नए-नए कारनामों के बारे में बताती रहूँगी !

(20 जून, 2019)

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