मैं आपकी अध्ययनशीलता, विद्वत्ता, तर्क-शक्ति और अनुभव की बहुत क़द्र करती हूँ, लेकिन मेरे लिए अहम यह बात है कि आपका दिल कितना बड़ा है, आप कितने न्यायशील,साहसी और मानवीय हैं तथा आपके अन्दर अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ने का जज़्बा कितना ज़बरदस्त है ! वरना धुरंधर अध्ययनशील, प्रकाण्ड विद्वान् और प्रचण्ड अनुभवी तो मैंने बहुत सारे कायर, कबूतरदिल, स्वार्थी, कैरियरवादी, बर्बर महत्वाकांक्षी और दिन-रात अपने बाल-बच्चों की सुरक्षा की चिंता में जीने वालों लोगों को भी पाया है !
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निश्चय ही अकारण शहादत का अतिरेकी जोश नहीं होना चाहिए, लेकिन मरने से इतना डरना भी तो नहीं चाहिए ! डर-डरकर जीने वाले तिल-तिल मरते हैं !
एक अच्छा इंसान जिस दिन भय या प्रलोभन से अपने उसूलों में समझौते करता है, उसी दिन से उसकी अच्छाई क्षरित होने लगती है और आत्मा में दीमक लग जाता है ! संघर्ष के रास्ते पर बीमा कराकर नहीं उतरा जाता ! समझे मेरे भाई !
(22जून, 2019)
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