कई-कई गो अइसन-अइसन ग्रेट लोग हैं भयवा , की अकसर जो भी लिखते हैं आपाने बखत से बहोत-बहोत आगे का लिखते हैं I ई तो गलीमत है की उनका लिखा समझने-समझाने वाला कुछ आलोचक लोग होता है जो हमरा लोगन को टैम रहते बता देता है की ई बखत से आगे का चीज है, तुम्हरा सभन को नहीं बुझाये-उझायेगा आउर ए लेखा आपाना टैम खोटा होने से बच जाता है I सो भयवा, जो बखत से आगे का लेखन है, हम तो उसको तब्भी पढेंगे जब ऊ बखत आ जाएगा I वैसे ई कबी-लेखक लोग बखत से आगे का चीज पहिलवे काहे लिख देता है, ई बात अपुन को एकदम्मे नहीं बुझाता है I आरे भाई, कुछ अइसा लिखो जो अपने बखत की बात हो आउर बखत पर लोगन के काम भी आवै !
(15सितम्बर,2018)
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