Wednesday, June 12, 2013

दिल धड़कने का सबब


किसके लिए धड़कता है मेरा दिल?
       सन्‍नाटे पर सलवटें डालती थरथराती लहरों के लिए,
एक पुराने फाउण्‍टेन पेन के लिए,
       ज़िन्‍दगी की उदासियों के बीच
कुछ मनभावन बग़ावती ख़यालों के लिए,
       कुछ छविध्‍वंसक और कुछ मूर्तिभंजक इच्‍छाओं के लिए,
वीराने में भेड़ चराते गड़रिये जैसे
       गुज़रे दिनों और भूतपूर्व दोस्‍तों की यादों के लिए,
छोटे-छोटे पुलों जैसे आने वाले दिनों के लिए,
       सिर्फ कल्‍पना में जीवित पहाड़ी कस्‍बों के लिए,
ऊन के सफेद गोलों से लुढ़कते पिल्‍लों जैसे
      भागते-उलझते विचारों के लिए,
हर रात कुछ खुशनुमा सपनों की उम्‍मीद मे
     नींद के इंतजार के लिए।

                    - कविता कृष्‍णपल्‍लवी


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