''किसी चीज़ पर
सिर्फ इसलिए
विश्वास मत करो कि
तुम्हें वैसा बताया गया है
कि उसकी
तुमने स्वयं कल्पना की है।
तुम्हारा शिक्षक
जो कहता है उसपर
महज इसलिए ही
विश्वास मत करो
क्योंकि
तुम उसका आदर करते हो।
लेकिन उचित परीक्षण
और विश्लेषण के बाद
तुम्हें जो
कल्याणकारी लगे
सर्वहितकारी लगे
उसी सिद्धान्त पर
विश्वास करो
और उसपर अडिग रहो
और उसे
अपना मार्गदर्शक मानो।''
-गौतम बुद्ध
सिर्फ इसलिए
विश्वास मत करो कि
तुम्हें वैसा बताया गया है
कि उसकी
तुमने स्वयं कल्पना की है।
तुम्हारा शिक्षक
जो कहता है उसपर
महज इसलिए ही
विश्वास मत करो
क्योंकि
तुम उसका आदर करते हो।
लेकिन उचित परीक्षण
और विश्लेषण के बाद
तुम्हें जो
कल्याणकारी लगे
सर्वहितकारी लगे
उसी सिद्धान्त पर
विश्वास करो
और उसपर अडिग रहो
और उसे
अपना मार्गदर्शक मानो।''
-गौतम बुद्ध
बुद्ध ने कहा था...
ReplyDeleteअप्पो दीपो भव
उधार के प्रकाश से काम नहीं चलता
अपना दीया ख़ुद बनो.
बुद्ध ने यह भी कहा था...
किसी बात को सिर्फ इसलिए मत मान लो
कि मैं वैसा कह रहा हूं.
अपने ध्यान-मनन-अनुभव की कसौटी पर परखो उसे
और उपयुक्त लगे तो मान लो.
इस पर और आपकी टिप्पणी पर मेरी टीप...
सद्गुरू वह होता है जो अपने ज्ञान और अनुभव के साथ
दीक्षित करके शिष्य को
अगला क़दम उठाने में सहायता-भर कर दे. अपना रास्ता
उसे ख़ुद चुनने दे. ख़ुद बनाने दे.
अपने निर्देशों से उसके मस्तिष्क को नियंत्रित न करे.
उससे लिए हुए वचनों को उसके पैरों की
बेडि़यां न बना दे.
सद्गुरू साथ चलता है. न दिखते हुए भी.
बैक-सीट ड्राइव नहीं करता.
काश! ऐसा ही हो...आमीन..
ReplyDeletesai kaha bina siddhanton ko samjhe koi padai padai nahi hoti
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