देर रात के राग
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Monday, August 15, 2011
''सत्य के लिए किसी से भी नहीं डरना,
गुरू से भी नहीं,
मंत्र से भी नहीं,
लोक से भी नहीं
वेद से भी नहीं।''
( हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास 'बाणभट्ट की आत्म कथा से')
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