पहले वे आये
यहूदियों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं यहूदी नहीं था।
फिर वे आये
कम्युनिस्टों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं कम्युनिस्ट नहीं था ।
फिर वे आये
मज़दूरों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं मज़दूर नहीं था।
फिर वे आये
मेरे लिए
और कोई नहीं बचा था
जो मेरे लिए बोलता।
-पास्टर निमोलर(हिटलर काल के ज़र्मन कवि)
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