Saturday, February 09, 2019

प्रेम के बारे में बाल्ज़ाक के कुछ विचारप्रवण, कुछ भावप्रवण और कुछ विनोदपूर्ण विचार



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( बाल्ज़ाक समाज की सतह के नीचे सक्रिय आर्थिक संबंधों, सामाजिक संबंधों और अपने समय के राजनीतिक परिदृश्य के अनन्य चितेरे थे और इस नाते उन्होंने अपने लेखन के ज़रिये बुर्जुआ समाज की ऐतिहासिक समालोचना प्रस्तुत की ! बेशक उनके यथार्थवाद में नागरिकों के अंतर्जगत या मनोजगत के द्वंद्वों और जटिलताओं का स्तान्धाल या दोस्तोयेव्स्की जैसा भूदृश्य-सरीखा विस्तार देखने को नहीं मिलता, लेकिन उनकी औपन्यासिक कृतियों में यहाँ-वहाँ आये संक्षिप्त संवादों, प्रसंगों, घटनाओं और वक्तव्यों से ही यह जाहिर हो जाता है कि मानवीय भावनाओं और रिश्तों की दुनिया के बारे में भी वह एक युगद्रष्टा कलाकार और तत्ववेत्ता की समझ रखते थे ! उनके उपन्यासों में सैकड़ों स्थानों पर प्रेम के बारे में कुछ वक्तव्य पढ़ने को मिलते हैं, जिनमें से कुछ भावनाओं की गहराई लिए हुए हैं तो कुछ बेहद विनोदपूर्ण भी हैं ! इनमें से कुछ यहाँ प्रस्तुत हैं, जिन्हें पढ़कर आप सोचिये भी और आनंदित भी होइए !)

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प्यार इन्द्रिय-बोधों की कविता है I

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सच्चा प्यार अनश्वर होता है, असीम होता है और हमेशा बस अपनी तरह का होता है I यह समानतापूर्ण होता है और शुद्ध होता है और इसे उग्र प्रदर्शनों की ज़रूरत नहीं होती : यह सफ़ेद बालों के साथ भी देखा जाता है और हृदय से हमेशा युवा होता है I

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एक स्त्री उस व्यक्ति के चेहरे को, जिसे वह प्यार करती है, यूँ जानती है जैसे एक नाविक खुले समुद्र को जानता है I

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जो जितना अधिक आँकता है, उतना ही कम प्यार करता है I

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प्यार हो सकता है या नहीं हो सकता है, लेकिन जहाँ प्यार है, वहाँ उसे स्वयं को अपरिमित रूप में प्रकट करना चाहिए I

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एक पुरुष एक स्त्री को हमेशा प्यार नहीं कर सकता, यह कहना उतना ही बेतुका है जितना यह कि एक वायलिन-वादक को संगीत का वही टुकड़ा बजाने के लिए कई वायलिनों की ज़रूरत होगी I

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तथ्य यह है कि प्यार दो किस्म के होते हैं, एक जो निर्देश देता है और दूसरा जो आज्ञा मानता है I दोनों काफ़ी अलग किस्म के होते हैं, और एक से जो भावावेग उभरते हैं, वे दूसरे से पैदा होने वाले भावावेग से भिन्न होते हैं I

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जब स्त्रियाँ हमें प्यार करती हैं, तो हमें हर चीज़ के लिए, यहाँतक कि हमारे अपराधों के लिए भी माफ़ कर देती हैं; जब वे हमें प्यार नहीं करतीं, तो किसी चीज़ के लिए, यहाँतक कि हमारी खूबियों के लिए भी हमें श्रेय नहीं देतीं I

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एक प्रेमी हमेशा अपनी प्रेमिका के लिए पहले और अपने लिए बाद में सोचता है I पति के साथ ठीक उल्टी बात होती है I

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पहला प्यार वह टीकाकरण होता है जो इंसान को दूसरी बार यह बीमारी पकड़ने से बचाता है I

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प्यार एक खेल है जिसमें इंसान हमेशा धोखा देता है I

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दो लोग जो हमेशा साथ रहते हैं, उनके बीच प्यार या घृणा लगातार बढ़ती ही रहती है; हर क्षण बेहतर ढंग से प्यार या घृणा करने के ताज़ा कारण मिल जाया करते हैं I

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कोई व्यक्ति अगर संवाद करता है तो वह प्रेमी है, और अगर चुप रहता है तो पति I

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'कुछ नहीं' -- इन शब्दों का प्रेमीगण इसतरह इस्तेमाल करते हैं कि उनका अर्थ ठीक उल्टा होता है I

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एक पति के मुकाबले एक प्रेमी होना आसान होता है I इसका सीधा सा कारण यह है कि समय-समय पर कुछ ख़ूबसूरत बातें कहते रहने की तुलना में हर रोज़ विनोदी और हाज़िर-जवाब बने रहना अधिक कठिन होता है I

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महान प्रेम-प्रसंग शैम्पेन के साथ शुरू होते हैं और टिज़ान ( Tisane -- जड़ी-बूटियों वाली एक किस्म की फ़्रांसीसी चाय ) के साथ ख़तम हो जाते हैं I

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