Wednesday, August 08, 2018

तानाशाह के मन की बात



*

तानाशाह जब लोगों से अपने मन की बात करता है
तो वह सब कुछ कहता है जो
उसके मन में कभी नहीं होता I
तब वह दरअसल अपने हृदय का सारा अन्धकार
सड़कों पर उड़ेल देना चाहता है,
उसे पूरे देश में फैला देना चाहता है I
तानाशाह का यह हृदय
दलाल स्ट्रीट के सांड के शरीर से निकाला गया है I
कुछ दिनों तक यह सजा हुआ रखा था
एंटीलिया के एक भव्य ड्राइंग रूम में I
कभी यह सुशोभित हुआ करता था
वाल मार्ट के शोरूम में I


*


तानाशाह अपना हृदय खोल रहा है और
पूरे देश में अँधेरा भरता जा रहा है,
गलियों से बहती खून की धाराएँ
सड़कों पर आकर मिल रही हैं
और शहर डूबने के कगार पर हैं I


*


यह आम लोगों का खून कभी व्यर्थ नहीं बहता I
इस खून की बाढ़ में एक दिन
डूबकर मर जाना है तानाशाह को
अपने हृदय के सारे अन्धकार के साथ,
अपने शरीर के खून की सारी गन्दगी के साथ
और हर क़ीमत पर चिरकाल तक शासन करने के
अपने आततायी इरादों के साथ I
(07-08-2018)

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